शुक्रवार, 5 मई 2017

एक दूजे के लिए

इस शहर से दूर एक घने जंगल में एक आम का और एक लंबा घना नीम का पेड़ था । नीम का पेड़ अपने पड़ोसी आम के पेड़ से बात नहीं करता था । उसको अपने बड़े होने पर घमंड था । एक बार एक रानी मधुमख्खी के पेड़ के पास पहुंचे और कहा-'नीम भाई, मैं आपके यहां पर अपने साथ का छत्ता बना लूं? नीम के पेड़ ने साफ-साफ मना कर दिया। आम के कहने पर भी वह अड़ा रहा । आम के पेड़ ने उसे अपने यहां छत्ता बनाने की सहमति दे दी। रानी मधुमक्खी छत्ता बना लिया और सुखपूर्वक रहने लगी तभी कुछ दिनों के बाद कुछ व्यक्ति वहां आए और कहने लगे कि इस आम के पेड़ को काटते हैं।

लेकिन एक व्यक्ति की नजर मधुमक्खी के छत पर पड़ी तो उसने कहा -' यदि हम इस पेड़ को काटते हैं, तो यह मधुमक्खियां हमें नहीं छोड़ेगी हम नीम के पेड़ को काटते हैं इससे हमको कोई खतरा नहीं है दूसरे दिन सभी व्यक्ति आये और पेड़ काटने लगे तो नीम ने चिल्लाना शुरु किया- "मुझे बचाओ, मुझे बचाओ.... नहीं तो यह लोग मुझको काट डालेगें।' तब मधुमक्खियों ने उन लोगों पर हमला कर दिया और उन्होंने वहां से भगा दिया।

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नीम के पेड़ ने मधुमक्खियों को धन्यवाद दिया तो मधुमक्खियों ने कहा- धन्यवाद हमें नहीं आम भाई को दो। यदि वह हमसे नहीं कहते तो हम आपको नहीं बचाते। हम सब एक-दूसरे के लिए उपयोगी है हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए।

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